मानवविज्ञान क्या है?
मानव होने का मतलब क्या है, इसको समझने केलिए जो मानव समाज का तुलनात्मक अध्ययन करते हैं, उसे मानवविज्ञान कहते हैं.
समाजशास्त्र , जैसे अन्य शिक्षण, उदाहरण केलिए, लोगों को साक्षात्कार, किरण-केंद्र समूहों और सर्वेक्षण के माध्यम से अपने के बारे में पूछ-ताछ करते हैं. लेकिन मानवविज्ञान प्रस्तावित करता है कि ज़्यादातर लोग यह नहीं बता सकते की वे क्यों अपनी जीवन को एक खास तरह से जीते हैं. एक बच्चे होने के नाते हमारे आसपास के लोगों के व्यवहार के अनुरूप रहना सीखते हैं, जो उदाहरण केलिए एक व्यक्ति को 'प्ररूप' दक्षिण इतालवी या 'प्ररूप' उत्तर चिली बना सकता है.
इन सांस्कृतिक मतभेद को समझाने केलिए, मानवविज्ञानी एक पराये के रूप में आबादी के बीच में जाते हैं; पुरुषों का अध्ययन करनेवाली महिला, किसानों का अध्ययन करनेवाले शिक्षाविदों, इतालवी का अध्ययन करनेवाले रोमीय. हम सांस्कृतिक रूप से सीखे व्यवहार को 'प्राकृतिक' नहीं मानते, क्योंकि हम परिवार के संगठन जैसे सामाजिक प्रथाओं अलग-अलग समाज पर बदलने के रास्तों का अध्ययन करते हैं.
सिर्फ आदिवासी नहीं
मानवविज्ञान कम विकसित समाजों का अध्ययन ही नहीं, वह सभी मानव समाजों का तुलनात्मक अध्ययन है.
सहानुभूति
मानवविज्ञानी जिसका अध्ययन करते हैं, उनके दृष्टिकोण से लोगों को समझने का कोशिश करते हैं. ऐसे व्यक्ति की कल्पना कीजिए जिसके विचारों से आप असहमत हैं और जो आप के विचारों से. चाहे आप इन विचारों को पसंद नहीं करते, तो भी क्या आप समझ सकते हैं कि ये विचारों कैसे और क्यों एक व्यक्ति को हो सकते हैं?
न सिर्फ नृवंशविज्ञान
नृवंशविज्ञान सिर्फ एक माध्यम है, समाप्त नहीं. तुलना, सामान्यीकरण और विश्लेषण से ही हम ये अत्यंत स्थानीय निष्कर्षों का उपयोग मानवता के बारे में सामान्य निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए कर सकते हैं.
मानवविज्ञानी क्या करते हैं, इसपर बेहतर समझ पाने केलिए, 'इंट्रोडूसिंग एंथ्रोपोलॉजी' पुस्तक पर नज़र डालें.
नृवंशविज्ञान क्या है?
समग्र सार्थक और वास्तविक संदर्भ में बनाना
कोई भी सिर्फ सामाजिक मीडिया पर , या सिर्फ राजनीति पर लिप्त नहीं रहते, सिर्फ माँ बनकर नहीं रहती, सिर्फ हिन्दू नहीं रहते, सिर्फ छात्र नहीं रहते, या सिर्फ मध्यम वर्ग नहीं रहते. लोग एक ही समय में अपनी विभिन्न पहचानों के अनुभव करते हैं, इसलिए हमें किसीके जीवन का सिर्फ एक पहलू पर अध्ययन करने केलिए सभी को एक साथ विचार करना पड़ता है.
प्रतिभागी अवलोकन
मानवविज्ञानी लोगों को सिर्फ यह नहीं पूछते कि वे क्या करते हैं. वे सीधे व्यवहार का निरीक्षण करते हैं और लोगों के जीवन में भाग लेते हैं. उदाहरण केलिए, वे उनके साथ सामाजिक मीडिया पर बातचीत कर सकते हैं, बच्चे की देखभाल में मदद कर सकते हैं, या स्थानीय दूकान पर अल्पावधि नौकरी लें सकते हैं.
हमने क्यों हर क्षेत्र में 15 महीने बिताये?
१) लोगों के जीवन के रूप में कई विभिन्न पहलुओं में से जितने मुमकिन हैं उतने पर समीक्षा करने केलिए
२) अलग अलग उम्र, वर्ग, लिंग और अन्य भेद के लोगों की श्रेणी को समझना
३) लोगों को पूरी तरह जानकर उनके विश्वास जीतना ताकि हमारा सबूत में सिर्फ सार्वजनिक व्यवहार ही नहीं, वॉट्सएप्प बातचीत जैसे निजी व्यवहार को भी शामिल होता है.
सामान्यकरण
हम मानते हैं कि हर जगह में हर व्यक्ति अद्वितीय है, और पुरुष स्त्रियों से अलग हो सकते हैं, वृद्धों युवों से. हम कहानियां और सामान्यकरण को संतुलन करने की कोशिश करते हैं, जो हमेशा वे उस विशिष्टता के साथ समझौता होते है. इसलिए इस वेबसाइट में, प्रत्येक खोज एक सामान्यीकरण के रूप में दावा किया जाता है, लेकिन अनुगामी में कार्यक्षेत्रों से टिप्पणियाँ हैं, जो प्रत्येक क्षेत्र में विशिष्ट स्थिति पर ध्यान देकर इसकी चुनौती देता है.